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शहदखोज चिड़िया का बदला Die Rache des Honiganzeigers

Geschrieben von Zulu folktale

Illustriert von Wiehan de Jager

Übersetzt von Nandani

Sprache Hindi

Niveau Niveau 4

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यह कहानी नागेदे नामक एक शहदखोज चिड़िया और एक लालची युवक गिंगइल की है। एक दिन जब गिंगइल शिकार के लिए बाहर गया था तो उसने नगेदे की आवाज़ सुनी। गिंगइल के मुँह मे शहद के बारे में सोच कर पानी आ गया। वह रुक गया, उसने ध्यान से सुना और नगेदे को ढूँढ़ने लगा, थोड़ी देर में उसे वह अपने सर के ऊपर वाली शाखा पर बैठा दिख गया। “चिटिक, चिटिक, चिटिक,” एक से दूसरे पेड़, और अगले पेड़ पर जाते हुए पक्षी ज़ोर से बोला। वह रुक-रुक कर “चिटिक, चिटिक, चिटिक,” बोलने लगा और पक्का करने लगा किगिंगइल उसके पीछे आ रहा है।

Das ist die Geschichte von Ngede, dem Honiganzeiger, und einem gierigen jungen Mann namens Gingile. Eines Tages während Gingile bei der Jagd war, hörte er den Ruf von Ngede. Gingile lief beim Gedanken an Honig das Wasser im Mund zusammen. Er blieb stehen, lauschte genau und hielt Ausschau nach dem Vogel in den Ästen über seinem Kopf. „Chitik-chitik-chitik“, zwitscherte der kleine Vogel, als er von Baum zu Baum flog. „Chitik, chitik, chitik“, rief er und und blieb von Zeit zu Zeit sitzen, um sicher zu sein, dass Gingile ihm nachlief.


आधे घंटे बाद वे एक बड़े से जंगली अंजीर के पेड़ के पास पहुँचे। नगेदे डालियों के बीच में पागलों सा फुदकने लगा। फिर वह एक डाली पर बैठ गया और उसने अपना सिर इस तरह हिलाया, मानो वह कह रहा हो कि, “यह यहाँ है! आओ अब! इतना समय क्यों लगा रहे हो?” गिंगइल को पेड़ पर कोई भी मधुमक्खी नहीं दिखी, लेकिन उसने नगेदे पर भरोसा किया।

Nach einer halben Stunde kamen sie zu einem großen Feigenbaum. Ngede hüpfte aufgeregt auf den Zweigen hin und her. Dann blieb er auf einem Ast sitzen und blickte Gingile an, als ob er sagen wollte: „Hier ist er! Komm doch! Worauf wartest du?“ Gingile konnte keine Biene am Baum erblicken, aber er hatte Vertrauen zu Ngede.


इसलिए गिंगइल ने अपना शिकार का सामान पेड़ के नीचे रख दिया, और कुछ सूखी टहनियाँ इकट्ठा कर एक थोड़ी सी आग जलाई। जब आग अच्छे से जलने लगी, तो उसने आग के बीचों-बीच एक सूखी हुई लंबी लकड़ी डाल दी। यह लकड़ी विशेष रूप से बहुत सारा धुआँ करने के लिए प्रयोग में लाई जाती थी। उसने जलती हुई लकड़ी का ठंडा सिरा अपने मुँह में डाल कर चढ़ना शुरू किया।

Also legte Gingile seinen Jagdspeer nieder, sammelte einige trockene Zweige und machte ein kleines Feuer. Als das Feuer im Gang war, legte er einen langen, trockenen Holzstab in die Mitte des Feuers. Dieses Holz war besonders bekannt dafür, dass es beim Verbrennen sehr viel Rauch produzierte. Er begann, mit dem kalten Ende des Stabs zwischen die Zähne geklemmt, zu klettern.


जल्दी ही उसे काम में लगी मधुमक्खियों की भनभनाहट सुनाई देने लगी। वे पेड़ के तने के छेद में मौजूद अपने छत्ते से अंदर-बाहर आ जा रही थीं। छत्ते के पास पहुँचकर गिंगइल ने लकड़ी का धुआँ वाला सिरा छेद में डाल दिया। मधुमक्खियाँ हड़बड़ाकर, गुस्से में बाहर निकल आईं और गिंगइल को जगह-जगह काटते हुए छत्ते से बाहर निकलकर उड़ गईं क्योंकि उन्हें धुआँ बिलकुल पसंद नहीं था।

Bald hörte er das laute Summen der fleißigen Bienen. Sie flogen ein und aus aus einer Höhle in dem Baumstamm - ihrem Bienenstock. Als Gingile den Stock erreichte, stieß er das rauchenden Ende des Stabs in die Baumhöhle. Die Bienen schwärmten wütend und böse heraus. Sie flogen davon, weil sie den Rauch nicht mochten - aber ohne Gingile zu stechen!


जब मधुमक्खियाँ बाहर चली गईं, गिंगइल ने अपना हाथ छत्ते में डाला और शहद से लबालब भरा हुआ छत्ते का एक भाग निकाल लिया। इस भाग से ढेर सारा शहद टपक रहा था, और इसमें मधुमक्खी के अंडे भी थे। उसने छत्ते को ध्यान से अपने कंधे पर लटके थैले में डाला, और नीचे उतरना शुरू किया।

Als die Bienen weg waren, steckte Gingile seine Hand in das Nest. Er zog Hände voller schwerer Waben gefüllt mit Honig und fetten weißen Larven hervor. Er schob die Waben vorsichtig in die Tasche, legte sie auf seine Schulter und begann, nach unten zu klettern.


गिंगइल जो भी कर रहा था, नगेदे बहुत उत्सुकता से वह सब कुछ देख रहा था। वह इस बात का इंतज़ार कर रहा था कि गिंगइल धन्यवाद के रूप में शहद के छत्ते का एक बड़ा भाग उसके लिए छोड़ देगा। नगेदे एक डाल से दूसरी डाल पर छलांग लगाते हुए नीचे ज़मीन की तरफ़ आ रहा था। आख़िरकार गिंगइल पेड़ से नीचे उतर आया। नगेदे उसके पास आकार एक पत्थर पर बैठ गया और अपने इनाम का इंतज़ार करने लगा।

Ngede beobachtete jede Bewegung von Gingile genau. Er wartete auf ein fettes Stück Honigwaben als Dank an den Honiganzeiger. Ngede flatterte von Ast zu Ast, immer näher zum Boden. Endlich erreichte Gingile das Ende des Baums. Ngede setzte sich auf einen Stein in die Nähe des Jungen und wartete auf seine Belohnung.


लेकिन, गिंगइल ने पक्षी को नज़रअंदाज़ करके आग बुझाई, अपना शिकार का सामान उठाया और घर की ओर जाने लगा। नगेदे गुस्से से चिल्लाया, “टुर टुर!” गिंगइल रुका, उसने पक्षी को घूर कर देखा और ज़ोर से हँसा। “क्या तुम्हें थोड़ा शहद चाहिए, मेरे दोस्त? हाँ! लेकिन सारा काम तो मैंने किया, और सारे डंक भी खाए। मैं इतनी मीठी शहद तुम्हारे साथ क्यों बाँटूँ?” फिर वह वहाँ से चला गया। उसकी बात सुनकर नगेदे को बहुत गुस्सा आया! यह कोई तरीका नहीं था उससे व्यवहार करने का! उसने सोचा वह उससे इस बात का बदला ज़रूर लेगा।

Aber Gingile löschte das Feuer, nahm seinen Speer und machte sich nach Hause auf ohne auf den Vogel zu achten. Ngede rief wütend: „SIE-ger! SIE-ger!“ Gingile hielt an, schaute den kleinen Vogel an und lachte laut: „Du willst was von dem Honig, nicht wahr, mein Freund? Ha! Aber ich habe die ganze Arbeit gemacht, und ich wurde gestochen. Warum sollte ich dir was von diesem wunderbaren Honig geben?“ Dann lief er davon. Ngede war außer sich! So durfte man ihn nicht behandeln! Aber er würde sich rächen.


कई हफ़्तों बाद एक दिन गिंगइल ने फिर नगेदे की शहद वाली आवाज़ सुनी। उसे फिर से स्वादिष्ट शहद की याद आ गई और उसने फिर से पक्षी का पीछा किया। गिंगइल को अपने पीछे दौड़ाते हुए जंगल के छोर पर ले जाकर, नगेदे एक बड़े से बबूल के पेड़ पर आराम करने के लिए रुक गया। गिंगइल ने सोचा “अच्छा “! “छत्ता ज़रूर इसी पेड़ में है।” उसने जल्दी से छोटी सी आग जलाई और मुँह में जलती हुई लकड़ी लेकर पेड़ पर चढ़ना शुरू कर दिया। नगेदे पेड़ पर बैठकर सब कुछ देखता रहा।

Einige Wochen später hörte Gingile erneut Ngedes Honigruf. Er erinnerte sich an den köstlichen Honig und folgte dem Vogel erneut schleunig. Nachdem er Gingile an den Rand des Waldes geführt hatte, hielt Ngede an, um sich in einer großen Schirmakazie auszuruhen. „Ahh“, dachte Gingile, „der Bienenstock muss in diesem Baum sein.“ Schnell machte er ein kleines Feuer und fing an, mit dem rauchenden Ast zwischen den Zähnen, zu klettern. Ngede saß daneben und sah zu.


गिंगइल ये सोचते हुए चढ़ता गया कि उसे हमेशा की तरह मधुमक्खियों की भनभनाहट क्यों नहीं सुनाई पड़ रही। “शायद छत्ता पेड़ में गहराई में है,” उसने मन में सोचा। वह दूसरी डाली की तरफ़ बढ़ा। लेकिन जैसे ही उसने सामने देखा तो उसके सामने छत्ते की जगह एक मादा तेंदुआ थी जो अपनी नींद बुरी तरह टूटने से बहुत गुस्से में लग रही थी और उसके चेहरे को घूर रही थी। उसने अपनी आँखें छोटी कीं और अपने बहुत बड़े और पैने दाँत दिखाने के लिए अपना मुँह खोल लिया।

Beim Klettern wunderte sich Gingile, warum er nicht das übliche Summen hört. „Vielleicht ist der Bienenstock sehr weit im Baum“, dachte er. Er zog sich einen Ast weiter nach oben. Aber anstelle eines Bienenstocks traf er oben auf einen Leoparden. Leopard war sehr böse darüber, dass ihr Schlaf so rüde unterbrochen wurde. Sie kniff ihre Augen zusammen und öffnete ihr Maul, um ihre sehr großen und scharfen Zähne zu zeigen.


इससे पहले कि मादा तेंदुआ गिंगइल पर छलांग लगाती, वह हड़बड़ा कर पेड़ से नीचे आने लगा। जल्दबाज़ी में उससे एक डाल छूट गई जिससे वह बहुत ज़ोर से ज़मीन पर गिरा, और उसका टखना मुड़ गया। लंगड़ाते हुए वह जितनी तेज़ भाग सकता था, भागा। लेकिन खुशक़िस्मती से, काफ़ी नींद में होने के कारण मादा तेंदुआ उसे पकड़ने के लिए पीछे नहीं भागी। इस प्रकार शहद का रास्ता दिखाने वाले पक्षी नगेदे ने अपना बदला ले लिया और गिंगइल ने सबक सीख लिया। Here

Bevor Leopard Gingile zu fassen bekam, rauschte er den Baum hinunter. In der Eile verfehlte er einen Ast und plumpste auf den Boden, wobei er sich seinen Knöchel verstauchte. Er humpelte davon so schnell er konnte. Zu seinem Glück war Leopard immer noch zu müde, um ihn zu jagen. Ngede, der Honiganzeiger, bekam seine Rache. Und Gingile hatte seine Lektion gelernt.


और इसलिए, जब गिंगइल के बच्चों ने नगेदे की कहानी सुनी, उनके मन में इस छोटे पक्षी के लिए सम्मान था। जब भी वे शहद लेते थे, इस बात का ध्यान रखते थे कि वह छत्ते का सबसे बड़ा हिस्सा शहदखोज चिड़िया के लिए रखें!

Und deshalb haben Kinder, wenn sie die Geschichte von Ngede hören, Respekt vor dem kleinen Vogel. Immer wenn sie Honig ernten, lassen sie das größte Wabenstück für den Honiganzeiger da!


Geschrieben von: Zulu folktale
Illustriert von: Wiehan de Jager
Übersetzt von: Nandani
Sprache: Hindi
Niveau: Niveau 4
Quelle: The Honeyguide's revenge aus African Storybook
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