अंदिसवा फुटबॉल खेलते लड़कों को देखती थी। उसकी इच्छा होती कि वह उनके साथ खेले। उसने कोच से पूछा कि क्या वह उनके साथ अभ्यास कर सकती है।
कोच ने अपने हाथ को अपने कमर पर रखा। "इस विद्यालय में, केवल लड़को को फुटबॉल खेलने की अनुमति है", उसने कहा।
लड़को ने उसे जा कर नेटबॉल खेलने को कहा। उन्हों ने कहा कि नेटबॉल लड़कियों के लिए और फुटबॉल लड़को के लिए है। अंदिसवा उदास हो गई।
अगले दिन, विद्यालय में एक बड़ा फुटबॉल मैच था। कोच बड़ा ही परेशान था क्योंकि उसका सबसे अच्छा खिलाड़ी बीमार था और वह खेल नहीं सकता था।
अंदिसवा दौड़ते हुए कोच के पास गई और उसे खेलने देने की प्राथना की। कोच को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। तब उसने फैसला लिया कि अंदिसवा टीम से जुड़ सकती है।
खेल बहुत ही कठिन था। किसी ने आधे समय तक कोई गोल नहीं किया।
आधे समय के बाद एक लड़के ने अंदिसवा को बॉल दिया। वह बहुत तेजी से गोलपोस्ट की तरफ भागी। उसने ज़ोर से बॉल को लात मारी और गोल किया।
भीड़ खुशी से चीला रही थी। उस दिन से, उस दिन से लड़कियों को विद्यालय में फुटबॉल खेलने की अनुमति मिल गई।
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