खलाई पौधो से बात करती है

ये खलाई है। ये सात साल की है। इसकी भाषा लुबुकुसु में इसके नाम का मतलब है, "एक अच्छी इंसान"।

1

खलाई जाग कर संतरे के पेड़ से बात करती है। "कृपया खूब बढ़ो अौर हमे बहुत सारे पके संतरे दे दो।"

2

खलाई विद्यालय चलकर जाती है। रास्ते में वो घास से बात करती है। "कृपया घास, हरी-भरी हो जाना अौर सूखना मत।"

3

खलाई जंगली फूलो के पास से गुजरती है। "कृपया फूलो खिलते रहना ताकि मै तुम्हे अपने बालो में लगा सकूँ।"

4

विद्यालय में, खलाई आँगन के बीच में लगे पेड़ से बात करती है। "कृपया पेड़, अपनी शाखाअो को बड़ी करो ताकि हम तुम्हारी छाया के नीचे पढ़ सके।"

5

खलाई अपने विद्यालय के चारो ओर लगी बाड़ से बात करती है। "कृपया ताकतवर बनो और बुरे लोगो को अँदर अाने से रोको।"

6

जब खलाई विद्यालय से वापस घर आयी, तब वो संतरे के पेड़ से मिली। "क्या तुम्हारे संतरे पक गये है?" खलाई ने पूछा।

7

"संतरे अभी भी हरे है," खलाई ने आह भरते हुए कहा। "मैं तुमसे कल मिलूँगी संतरे के पेड़," खलाई बोली। "शायद तब तुम्हरे पास मेरे लिये एक पका संतरा होगा!"

8

खलाई पौधो से बात करती है

Text: Ursula Nafula
Illustrations: Jesse Pietersen
Translation: Tanvi Sirari
Language: Hindi

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